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योजना आयोग द्वारा प्रस्तुत किये गए गरीबी के नए पैमानों को देखने के बाद…सवाल यह उठता है की आखिर गरीब कौन है ?…एक भिकारी जो बेचारा दिनभर भीक मांगता है वो भी दिन में ५० रूपए तक कमा लेता है..योजना आयोग ने जो ३२ और २६ रूपए के आंकड़े प्रस्तुत किये है उनको देखते हुए तो एक भिकारी बड़ा धनवान व्यक्ति हुआ…तब भी वो बेचारा रोज़ भीक मांगने में क्यों मजबूर है ?….क्योंकि हकीकत तो ये है आजकल ५० रूपए में भी कुछ नहीं होता है..और योजना आयोग कहता है की ३२ रूपए प्रतिदिन खर्च करने वाला व्यक्ति गरीब नहीं है..इन्हें शर्म भी नहीं आती देश की जनता के साथ ऐसा क्रूर मजाक करने में..अगर इन्हें लगता है ३८६० रूपए महीने में ४ लोगो के परिवार का पालन-पोषण हो जाता है…तो ये लोग खुद अपने ऊपर ये आज़मा के क्यों नहीं देखते की इन लोगो ने ३२ रूपए की क्या औकात कर दी है..पहले तो खुद महंगाई बड़ा दी और अब बता रहे है ३२ रूपए में एक व्यक्ति के भोजन से लेकर ईंधन , शिक्षा,किराया भाड़ा सब हो जाता है…आखिर वो कौन सी दुनिया है जहाँ ३२ रूपए में ये सब सुविधाए मिलती है….”जिस प्रधानमंत्री को जनता ईमानदार समझती थी जिसे जनता हमेशा एक प्यारी कटपुतली समान कहा करती थी” क्या पता था वोह भी इतना क्रूर निकलेगा…कि आंकड़ो कि जरा से हेरा-फेरी कर के गरीबी को भारत से “बाघ के समान बिलकुल विलुप्ति कि कगार पर पहुंचा देगा”….इस ३२ और २६ रूपए के प्रस्ताव के पहले..इन्होने सुप्रीम कोर्ट के सामने १५ और २० रूपए का प्रस्ताव रखा था…तब सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें लताड़ दिया था और पूंछा था १५ और २० रूपए में होता क्या है..इन पैमानों के पीछे इनकी निकष्ट चाल ये है कि गरीबो को प्राप्त होने वाली सुविधाए कम करना चाहते है..क्योंकि इनके इस आंकड़ो कि हेरा-फेरी से गरीबी भारत से अचानक विलुप्त हो जायगी..ये कहिये हमारे देश कि जनता शांतिप्रिय है नहीं तो इनका तख्ता-पलट होने में समय नहीं लगता….ये हमारे देश कि जनता है जो इतना सब सहने के बाद भी शांत है शायद इसी वजह से हमारे देश को “incredible india ( अतुल्य भारत) ” कहा जाता है..और आखिर में बस एक प्रश्न का उत्तर देना चाहूँगा जो मैंने ऊपर किया है “आखिर गरीब है कौन ? ” और उसका उत्तर ये है सबसे बड़े गरीब तो हमारे नेता है हमारी सरकार है जो मानवता हीन है जो आम-आदमी, आम-जनता का दुःख जानते हुए भी कभी उसे समझने की कोशिश नहीं करते…हमारी जनता दिल की तो बहुत अमीर है जो उन नेताओं को भी घर में आसरा देती है और उन्हें प्यार से खाना भी खिलाती है…जो कभी उनका भला नहीं कर पाए जो उनके घर जाते है खाली वोट की राजनीति के लिए…फिर भी हमारी जनता उनका दिल खोल के स्वागत करती है..
*जय हिंद जय भारत*
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