Menu
blogid : 6046 postid : 86

भ्रष्टाचार के खात्मे में जातिवाद की राजनीति – Jagran Junction Forum

The Way I Felt ..
The Way I Felt ..
  • 18 Posts
  • 159 Comments

पिछले दिनों अन्ना जी, के आन्दोलन के दौरान जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने इसे इस्लाम विरोधी होने का आरोप जड़ा है, और वही इंडियन जस्टिस पार्टी के अध्यक्ष डॉ. उदित राज ने अन्ना की टीम में कोई दलित प्रतिनिधि ना होने के आधार पर जनलोकपाल का विरोध किया.. इनके द्वारा इस आन्दोलन में जातिवाद की राजनीति करना मुझको ठीक नहीं लगा,अगर रामलीला मैदान में भारत माता की जय और वन्देमातरम के नारे लगाये जा रहे है तो क्या ये मुस्लिम विरोधी नारे है ? जिस भारत में आप रहते है जो भारत माता आप को रहने के लिए घर , खाने के लिए अन्न व पीने के लिए पानी देती है उसकी जय करना क्या जाति विरोधी है? और वही डॉ उदित राज सिर्फ इसलिए इस आन्दोलन का विरोध कर रहे है क्योंकि अन्ना की टीम में कोई दलित सदस्य नहीं है..
उनके इस बयान पर मेरा मानना यह है कि अगर कोई व्यक्ति १३ दिन भूखा रहता है देश से भ्रष्टाचार मिटाने के लिए तो हमे उसके आन्दोलन का साथ देना चाहिए न कि उसका विरोध करना चाहिए, और वैसे भी देश में भ्रष्टाचार से सिर्फ सामान्य जाति ही नहीं पीड़ित है भ्रष्टाचार से पूरा देश ही पीड़ित है..अगर देश से भ्रष्टाचार मिटाना है तो हमें सबसे पहले एक धर्म निरपेछ व एकत्रित समाज कि आव्यश्यकता है क्योंकि हमारे समाज में ऐसे लोगो कि कमी नहीं है जो किसी अच्छी मुहिम में भी अपनी जातिवाद कि राजनीति चमकाने कि कोशिश करते है…
एक भारतवासी होने के नाते मै भी यही कामना करता हूँ कि हमारे देश से भ्रष्टाचार का खात्मा जल्द से जल्द हो जाये …

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh